मदर्स डे विशेष - बेस्ट हिन्दी मैसेज मदर्स डे के लिए (11मई 2014)
घास पर खेलता है बच्चा
पास में बैठी मां मुस्कुराती है,
फिर न जाने क्यों ये दुनिया
काबा-ओ-सोमनाथ जाती है।
-- निदा फ़ाजली
पास में बैठी मां मुस्कुराती है,
फिर न जाने क्यों ये दुनिया
काबा-ओ-सोमनाथ जाती है।
-- निदा फ़ाजली
चाहो बसो पहाड़ पर या फूलों के गांव
मां के आंचल से अधिक शीतल कहीं न छांव।
-- नीरज
मां के आंचल से अधिक शीतल कहीं न छांव।
-- नीरज
मां जो मुझसे रुठी है
मैं उसे मना लूंगी,
मोम को पिघलने में
देर कितनी लगती है।
-- अज्ञात
मैं उसे मना लूंगी,
मोम को पिघलने में
देर कितनी लगती है।
-- अज्ञात
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