बस गई है मेरे एहसास में ये कैसी महक,
कोई खुशबू मैं लगाऊँ तेरी खुशबू महके।
-- बशीर बद्र
कोई खुशबू मैं लगाऊँ तेरी खुशबू महके।
-- बशीर बद्र
लम्हे-लम्हे में बसी है तेरी यादों की महक,
आज की रात तो खुशबू का सफर लगती है।
-- जाँ निसार अख्तर
आज की रात तो खुशबू का सफर लगती है।
-- जाँ निसार अख्तर
हमने देखी है उन आँखों की महकती खुगशबू,
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्जाम न दो।
-- गुलज़ार
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्जाम न दो।
-- गुलज़ार
मेरी रातें तेरी खुशबू से बसी रहती है,
तू कहीं भी हो तेरे फूल से आरिज की कसम।
तेरी पलकें मेरी आँखों पे झुकी रहती हैं,
तेरे हाथों की हरारत तेरी सांसों की महक।
-- साहिर लुधियानवी
तू कहीं भी हो तेरे फूल से आरिज की कसम।
तेरी पलकें मेरी आँखों पे झुकी रहती हैं,
तेरे हाथों की हरारत तेरी सांसों की महक।
-- साहिर लुधियानवी
अब तक मैंने ख़्वाब जो देखे उन ख्वाबों की चाहत है तू,
लगता है क्यूं ऐसा मुझको दिल की पहली हसरत है तू।
-- फैज
लगता है क्यूं ऐसा मुझको दिल की पहली हसरत है तू।
-- फैज
चाहत नहीं छिपेगी इसे लाख छिपाओ,
खुशबू पे किसी फूल का पहरा नहीं होता।
-- डॉ. बशीर बद्र
खुशबू पे किसी फूल का पहरा नहीं होता।
-- डॉ. बशीर बद्र