MOTHERS DAY (10 MAY 2015) - BEST SHAYRI
जब तक रहा हूं धूप में चादर बना रहा
मैं अपनी मां का आखिरी जेवर बना रहा।
मैं अपनी मां का आखिरी जेवर बना रहा।
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकां आई
मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में मां आई।
मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में मां आई।
ऐ अँधेरे! देख ले मुंह तेरा काला हो गया
माँ ने आँखें खोल दी घर में उजाला हो गया।
माँ ने आँखें खोल दी घर में उजाला हो गया।
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
मां बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है।
मां बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है।
मेरी ख्वाहिश है कि मैं फिर से फरिश्ता हो जाऊं
माँ से इस तरह लिपट जाऊं कि बच्चा हो जाऊं।
माँ से इस तरह लिपट जाऊं कि बच्चा हो जाऊं।
खुद को इस भीड़ में तन्हा नहीं होने देंगे
मां तुझे हम अभी बूढ़ा नहीं होने देंगे
मां तुझे हम अभी बूढ़ा नहीं होने देंगे
-- सभी शेर 'मुनव्वर राणा'
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