नववर्ष 2017 - नये साल के लिए बेहतरीन हिन्दी शायरी
NEW YEAR 2017 - BEST HINDI SHAYRI
न जाने कितने सालों बाद वो मिला है मुझे,
है डर यही के वो फिर से जुदा न हो जाए।
-- इब्राहिम अश्क
है डर यही के वो फिर से जुदा न हो जाए।
-- इब्राहिम अश्क
कई साल हुए मैं तो हंसी भूल चुका हूं,
तुम अब भी मेरे दिल को दुखाना नहीं भूले।
-- सागर आजमी
तुम अब भी मेरे दिल को दुखाना नहीं भूले।
-- सागर आजमी
दुनिया में अब उन्हीं के तई कहिये बादशाह,
जिनके बदन दुरूस्त हैं दिन-रात-सालो-माह।
-- नजीर अकबराबादी
जिनके बदन दुरूस्त हैं दिन-रात-सालो-माह।
-- नजीर अकबराबादी
कैसे कह दूं कि नये साल में कुछ बदलूंगा,
मेरे हाथों की लकीरें तो मकड़ जाला है।
-- चिराग़ रूदौल्वी
मेरे हाथों की लकीरें तो मकड़ जाला है।
-- चिराग़ रूदौल्वी
एक दिन दिल टूटता किस्सा निबट जाता मगर,
उम्र के हर मोड़ पे वो दिन वो साल आता रहा।
-- बालस्वरूप राही
उम्र के हर मोड़ पे वो दिन वो साल आता रहा।
-- बालस्वरूप राही
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