बेस्ट हृदयस्पर्शी शायरी कलेक्शन-
जब एक रोज जान का जाना जरुर है,
फिर फर्क क्या है आज गई ख्वाह कल गई।
-- सफी लखनवी
फिर फर्क क्या है आज गई ख्वाह कल गई।
-- सफी लखनवी
खौफ आता है जिनको मरने से,
उनका जीना हराम होता है।
-- मेलाराम 'वफा'
उनका जीना हराम होता है।
-- मेलाराम 'वफा'
अब तो घबरा के यह कहते हैं कि मर जायेंगे,
मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएंगे।
-- जौक
मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएंगे।
-- जौक
दिल से कहते थे न ऐसी राह चल,
ठोकरें खाकर गिरा, अच्छा हुआ।
-- अशरफ शहाब
ठोकरें खाकर गिरा, अच्छा हुआ।
-- अशरफ शहाब
फिर भी एहसास से निजात नहीं,
सोचता हूं तो रंज होता है।
-- अख्तर
सोचता हूं तो रंज होता है।
-- अख्तर
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