हृदयस्पर्शी शायरी -
उन्हीं के मतलब की कह रहा हूं, जबान मेरी है बात उनकी
उन्हीं की महफ़िल संवारता हूं, चिराग मेरा है रात उनकी
फ़क़त मेरा हाथ चल रहा है, उन्हीं का मतलब निकल रहा है
उन्हीं का मजमूं, उन्हीं का काग़ज, कलम उन्हीं की, दवात उनकी।
-- अकबर इलाहाबादी
उन्हीं की महफ़िल संवारता हूं, चिराग मेरा है रात उनकी
फ़क़त मेरा हाथ चल रहा है, उन्हीं का मतलब निकल रहा है
उन्हीं का मजमूं, उन्हीं का काग़ज, कलम उन्हीं की, दवात उनकी।
-- अकबर इलाहाबादी
एहसास मर न जाए तो इन्सान के लिए
काफ़ी है एक, राह की ठोकर लगी हुई।
-- 'एहसान' दानिश
काफ़ी है एक, राह की ठोकर लगी हुई।
-- 'एहसान' दानिश
सर झुकाने में नमाज़ तो अदा होती है
दिल को झुकाना भी जरूरी है इबादत के लिए।
-- सिराज वारसी
दिल को झुकाना भी जरूरी है इबादत के लिए।
-- सिराज वारसी
उस शख्स के गम का कोई अंदाजा लगाए
जिसको कभी रोते हुए देखा न किसी ने।
-- वकील 'अख्तर'
जिसको कभी रोते हुए देखा न किसी ने।
-- वकील 'अख्तर'
शबनम ने रो के जी ज़रा हलका तो कर लिया
ग़म उसका पूछिए जो न आंसू बहा सके।
-- 'सलाम' संदेलवी
हिन्दी शायरी
ग़म उसका पूछिए जो न आंसू बहा सके।
-- 'सलाम' संदेलवी
हिन्दी शायरी
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