Velentine Day 2015 : Best Shayri for Velentine Day
मुहब्बत में करें क्या हाल दिल का,
ख़ुशी ही काम आती है न गम ही।
-- फिराक गोरखपुरी
ख़ुशी ही काम आती है न गम ही।
-- फिराक गोरखपुरी
शाम ही से दिले-बेताब का है 'जौक' ये हाल।
है अभी रात पड़ी, चार पहर काटने को।।
-- जौक
है अभी रात पड़ी, चार पहर काटने को।।
-- जौक
हंसी आती है मुझको आजकल के नौजवानों पर,
दवा दर्दे जिगर की, ढूंढ़ते हैं दुकानों पर।
-- अज्ञात
दवा दर्दे जिगर की, ढूंढ़ते हैं दुकानों पर।
-- अज्ञात
कहां से लाऊं दिल, दोनों जहां में सख्त मुश्किल है
इधर परियों का मजमा है, उधर हूरों की महफिल है।
-- जोश मलीहाबादी
इधर परियों का मजमा है, उधर हूरों की महफिल है।
-- जोश मलीहाबादी
हम इश्क के हैं बन्दे, मजहब से नहीं वाकिफ।
गर काबा हुआ तो क्या, बुतखाना हुआ तो क्या?
-- वाजिद अलीशाह
गर काबा हुआ तो क्या, बुतखाना हुआ तो क्या?
-- वाजिद अलीशाह
लज्जत कुछ भी नहीं, और फिर भी दुनिया जान देती है।
खुदा बन्दा मुहब्बत में, मजा होता तो क्या होता।
-- अज्ञात
खुदा बन्दा मुहब्बत में, मजा होता तो क्या होता।
-- अज्ञात
इश्क ने गालिब निकम्मा कर दिया,
वरना हम भी आदमी थे काम के।
-- मिर्जा गालिब
वरना हम भी आदमी थे काम के।
-- मिर्जा गालिब
हम इश्क के मारों का इतना ही फसाना है,
रोने को नहीं कोई, हंसने को जमाना है।
-- जिगर मुरादाबादी
रोने को नहीं कोई, हंसने को जमाना है।
-- जिगर मुरादाबादी
मुहब्बत इस तरह मालूम हो जाती है दुनिया को,
कि ये मालूम होता है, नहीं मालूम होती है।
-- अख्तर शीरानी
कि ये मालूम होता है, नहीं मालूम होती है।
-- अख्तर शीरानी
अपनी तबाहियों का मुझे कोई गम नहीं,
तुमने किसी के साथ मुहब्बत निभा तो दी।
-- साहिर लुधियानवी
तुमने किसी के साथ मुहब्बत निभा तो दी।
-- साहिर लुधियानवी
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