Sunday, July 20, 2014

बेस्ट शायरी


बेस्ट शायरी 

दालानों की धूप, छतों की शाम कहां,
घर से बाहर घर जैसा आराम कहां।
दिनभर सूरज किसका पीछा करता है,
रोज पहाड़ी पर जाती है शाम कहां।
-- बशीर बद्र

पुराने लोग नया हौसला तो क्या देंगे,
मगर बुजुर्गों से मिलते रहो दुआ देंगे।
हरेक काम सलीके से बांट रक्खा है,
ये लोग आग लगायेंगे, ये हवा देंगे।
-- डॉ. अख्तर नज्मी

जागती आंखों से भी देखो दुनिया को
ख्वाबों का क्या है वो हर शब आते हैं
कागज की कश्ती में दरिया पार किया
देखो हम को क्या क्या कमाल आते हैं।
-- शहरयार


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