गणतंत्र दिवस हिन्दी एस.एम.एस. 2014:-
वतन की राह पे मरना तो सीखिये पहले,
पता चलेगा के ये मौत जिंदगी भी है।
-- सुहैल लखनवी
वतन को चाहने वाले बहुत कम हो गये क्यूँकर,
वो आजादी के मतवाले बहुत कम हो गये क्यूँकर.
-- नामालूम
पता चलेगा के ये मौत जिंदगी भी है।
-- सुहैल लखनवी
वतन को चाहने वाले बहुत कम हो गये क्यूँकर,
वो आजादी के मतवाले बहुत कम हो गये क्यूँकर.
-- नामालूम
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