Thursday, September 4, 2014

मुहब्बत पर बेहतरीन शायरी :-


मुहब्बत पर बेहतरीन शायरी 

Kabhi tum meri muhbbt ka ykin kar lo,
Gujar n jaye kahin umr aajmane men.
-- Rashid

Muhbbt men nhin hai fark jine aur mrne ka,
Usi ko dekhkar jite hain jis kafir pai dm nikle.
-- Mirja Galib

Agar darde muhbbt se, n insan aashna hota,
N mrne ka alm hota, n jine ka mja hota.
-- Agyat

Sirf ek muhbbt ki roshani to baki hai.
Vrna jis taraf dekho, dur tk andhere hain.
-- Kadir Siddki

कभी तुम मेरी मुहब्बत का यकीं कर लो,
गुजर न जाये कहीं उम्र आजमाने में।
-- राशिद

मुहब्बत में नहीं है फर्क जीने और मरने का,
उसी को देखकर जीते हैं जिस काफिर पै दम निकले।
-- मिर्जा गालिब

अगर दर्दे मुहब्बत से, न इंसान आशना होता।
न मरने का अलम होता, न जीने का मजा होता।।
-- अज्ञात

सिर्फ इक मुहब्बत की रोशनी तो बाकी है।
वरना जिस तरफ देखो, दूर तक अंधेरे हैं।।
-- कादिर सिद्दकी