Friday, May 20, 2016

बुद्ध पूर्णिमा : भगवान बुद्ध के प्रेरक प्रसंग Buddh Purnima : Bhagwan Buddh Quotes in Hindi

Buddh Purnima : Bhagwan Buddh Quotes in Hindi
 
निर्वाण सबसे बड़ा सुख है

एक नगर में बुद्ध पहुंचे तो एक गरीब आदमी की भी उनका उपदेश सुनने की इच्छा हुई। पर उसका एक बैल कहीं चला गया। भूखे-प्यासे उसे खोजते-खोजते दोपहर हो गई। बैल मिलने के बाद वह वैसे ही बुद्ध के दर्शन को चला गया और उपदेश देने का निवेदन किया, लेकिन बुद्ध ने पहले भोजन बुलवाया। आग्रहपूर्वक उसे भोजन कराया। फिर उपदेश की दो बातें कहीं, जिन्हें सुनकर वह उच्च गति में पहुंच गया। भगवान द्वारा किसी को भोजन कराने की बात अनोखी थी। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। यह बात भिक्षुओं में चर्चा का विषय बन गई। भगवान से पूछा तो बोले, ' भूखे पेट धर्म नहीं समझा जा सकता।' फिर यह सूत्र कहा - ' भूख सबसे बड़ा रोग है, संस्कार (कर्म का असर) सबसे बड़ा दुःख है। जो यह यथार्थ जानता है, वही जानता है कि निर्वाण सबसे बड़ा सुख है।

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