Ramadan Sher O Shayari Message in Hindi
आ गया है माहे रमजाँ फिर इबादत के लिए,
काम कर ले ऐ मुसलमाँ कुछ तो जन्नत के लिए।
एक आयत पढ़ के ले लो तीस पारे का सवाब,
बैठिये हर रोज कुरआँ की तिलावत के लिए।
-- सुखनवर हुसैन
काम कर ले ऐ मुसलमाँ कुछ तो जन्नत के लिए।
एक आयत पढ़ के ले लो तीस पारे का सवाब,
बैठिये हर रोज कुरआँ की तिलावत के लिए।
-- सुखनवर हुसैन
इबादत का शफाअत का तिलावत का महीना है,
महे रमज़ान तो ऐ मोमिनों जन्नत का जीना है।
-- मोहसिन अली सुहैल
महे रमज़ान तो ऐ मोमिनों जन्नत का जीना है।
-- मोहसिन अली सुहैल
माहे रमजाँ है खैरो बरकत का,
ईद लाती है दिन मसर्रत का।
-- मुसलेह
ईद लाती है दिन मसर्रत का।
-- मुसलेह
हाल क्या पूछते हो मुफलिस का,
इनका जीना भी कोई जीना है।
जिंदगी भर के रोजादार हैं ये,
इनका रमजान हर महीना है।
-- काविश हैदरी
इनका जीना भी कोई जीना है।
जिंदगी भर के रोजादार हैं ये,
इनका रमजान हर महीना है।
-- काविश हैदरी
माहे रमजाँ वक्त से पहले नहीं आता मगर,
घर की हालत देख के बच्चों ने रोज़ा रख लिया।
-- निदा फाजली
घर की हालत देख के बच्चों ने रोज़ा रख लिया।
-- निदा फाजली
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