कबीर के दोहे



कबीर के दोहे 
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कंकड़ पत्थर जोड़ के मस्जिद लियो बनाय.
ता चढ़ मुल्ला बांग दे क्या बहरा हुआ खुदाय.

कबीर गर्व न कीजिए, ऊंचा देखि आवास
काल परौं भूईं लेटना, ऊपर जमसी घास



कुटिल वचन सबतें बुरा, जारि करै सब छार।
साधु वचन जल रूप है, बरसै अमृत धार।।




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