Monday, November 21, 2016

बेहतरीन चुनिंदा हिन्दी/ऊर्दू शेरो शायरी संग्रह

बेहतरीन चुनिंदा हिन्दी/ऊर्दू शेरो शायरी संग्रह
BEST COLLECTION OF HINDI URDU SHAYRI

तुम मेरे लिए अब, कोई इल्जाम न ढूंढो
चाहा था तुम्हें एक यही इल्जाम बहुत है।
-- साहिर लुधियानवी

मुझको तो होश नहीं, तुमको खबर हो शायद
लोग कहते हैं कि तुमने, मुझे बरबाद किया।
-- जोश मलीहाबादी

समझकर रहमदिल, तुमको दिया था हमने दिल अपना।
मगर तुम तो बला निकले गजब निकले सितम निकले।।
-- दाग

तुम तो दिल मांगते हो यां जान तक हाजिर है।
बात ये भी है कोई आप के फरमाने की ?
-- अहसन

रहते थे कभी जिनके दिल में।
हम जान से भी प्यारों की तरह।।
बैठे हैं उन्हीं के कूचे में।
हम आज गुनहगारों की तरह।।
-- मजरूह सुल्तानपुरी

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