Saturday, September 10, 2016

चंद चुने हुए बेहतरीन शेर ओ शायरी -


BEST HINDI SHAYRI COLLECTION


ये भी क्या मंजिल है, बढ़ते हैं न हटते हैं कदम।
तक रहा हूं देर से, मंजिल को मैं, मंजिल मुझे।।
-- जिगर मुरादाबादी

खुल के हंसना तो सबको आता है।
लोग तरसते हैं इक बहाने को।।
-- अदाजाफरी

खत्म होगा न जिंदगी का सफर।
मौत बस रास्ता बदलती है।।
-- साहिल मानिकपुरी

है जान के साथ काम इन्सां के लिए।
बनती नहीं है जिन्दगी कहीं बेकाम किए।।
जीते हो तो कुछ कीजिए जिन्दों की तरह।
मुर्दों की तरह जिए तो क्या खाक जिए।।
-- हाली

आँख पड़ती है कहीं, पाँव कहीं पड़ता है।
सबकी है तुमको खबर, अपनी खबर कुछ भी नहीं।।
-- दाग देहलवी

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