Wednesday, October 21, 2015

पर्व विशेष : विजयादशमी (दशहरा) 2015- अमरवाणी


र्व विशेष : विजयादशमी (दशहरा) - मर्यादा और शक्ति का प्रेरक पर्व


-- मंगल शक्ति के अधिष्ठाता राम जैसे पराक्रमशील और धीर हैं वैसा ही उनका शील भी है।
                             
-- रामचन्द्र शुक्ल

-- लोक के विरोध में खड़ा होने वाला व्यक्ति रावण है, परंतु जो लोक में रम कर जल बने बह जाए, वायु बने और सब को शीतल करे, वही राम है।
                             
-- लक्ष्मी नारायण मिश्र

-- गृहाश्रम भारतीय समाज की भित्ति है और रामायण उसका महाकाव्य।
                           
-- रवींद्र नाथ टैगोर

-- संपूर्ण गुणों से युक्त श्री राम गम्भीरता में समुद्र और धैर्य में हिमालय के समान हैं। वे धैर्य के मूर्तरूप हैं।
                             
-- महर्षि वाल्मीकि

-- रामायण के चरित्रों ने संपूर्ण भारतीय जीवन को हजारों वर्षों से मंत्रमुग्ध सा कर रखा है। संसार के किसी अन्य महाकाव्य के पात्र इस तरह लोक जीवन में घुले-मिले नहीं दिखाई देते हैं।
                             
-- विनोबा भावे


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