Monday, May 4, 2015

प्रेम से सराबोर हिन्दी शायरी


प्रेम से सराबोर हिन्दी शायरी 

आंखें किसी के हुस्न का मंजर लिए हुए,
रोती है आंसुओं का समन्दर लिए हुए।
-- फलक देहलवी

मुहब्बत में नहीं है फर्क जीने और मरने का,
उसी को देखकर जीते हैं जिस काफिर ये दम निकले।
-- मिर्जा गालिब

जब कोई फूल मुस्कुराता है,
मुझको दिल का ख्याल आता है।
-- माहिर उल कादरी

अब के बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिले,
जिस तरह सूखे हुए फुल किताबों में मिलें।
-- अहमद 'फराज'

सिर्फ इक मुहब्बत की रोशनी तो बाकी है।
वरना जिस तरफ देखो, दूर तक अंधेरे हैं।।
-- कादिर सिद्दकी

दिल की हालत की तरफ किसकी नजर जाती है।
इश्क की उम्र तमन्ना में गुजर जाती है।।
-- फैयाज ग्वालियरी


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