Thursday, June 12, 2014

हृदयस्पर्शी शेरो शायरी :-


हृदयस्पर्शी शेरो शायरी :-

कहने को तो शाह सब हैं, महाराज हैं सब।
मालिक दौलत के, मालिके ताज हैं सब।।
लेकिन खोलो तो चश्मे-तहकीक अकबर।
बेबस हैं सब, खुदा के मुहताज हैं सब।।
-- अकबर इलाहाबादी

यूं तो दुनिया में सब आते हैं और जाते हैं।
दुनिया में रहते हैं, पीते और खाते हैं।।
वह ही दरअसल 'शहंशाह' यहां आते हैं।
बदी को छोड़कर जो नेकी को ले जाते हैं।।
-- शहन्शाह

तू ने गुलशन को खुद उजाड़ा है।
अपनी किस्मत को खुद बिगाड़ा है।।
है नतीजा तेरे ही कर्मों का।
कब्र में जिसने तुझको गाडा है।।
-- डॉ. हरदयाल

जो दिल की है, वो बात नहीं होती।
जो दिन न हो, वो रात नहीं होती।।
मिलते तो है अक्सर, जमाने से जोश।
पर अपने आप से मुलाकात नहीं होती।।
-- जोश मलीहाबादी

करते नहीं कुछ तो , काम करना क्या आये।
जीते-जी जान से गुजरना क्या आये।।
रो-रो के मौत मांगने वालों को।
जीना नहीं आ सका तो मरना क्या आये।।
-- फ़िराक गोरखपुरी



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