Saturday, October 5, 2013

निदा फाजली- शेरो शायरी एस.एम्.एस.

शहर में सब को कहाँ मिलती है रोने की फुर्सत,
अपनी इज्जत भी यहाँ हसने-हंसाने से रही.
                                      -- निदा फ़ाजली

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